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बेरोजगारी पर निबंध – बेरोजगारी की परिभाषा।

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बेरोजगारी पर निबंध वर्तमान में भारत में बेरोजगारी चरम सिमा छू रही है बेरोजगारी बढ़ने के कई कारण हो सकते है सभी विषय पर चर्चा करेंगे और इस लेख में बेरोजगारी पर निबंध और बेरोजगारी की परिभाषा की विशेष जानकारी हासिल करेंगे तथा एक प्रारूप के साथ निबद्ध लिखना सीखेंगे निबंध अक्सर स्कूल कॉलेज में बच्चो से लिखाये जाते है बस विषय अलग अलग होते है इस आर्टिकल में berojgari par nibandh kaise likhe? पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।

भारत में बेरोजगारी कम करने की बड़ी समस्या है बेरोजगारी भारत की ही नहीं बल्कि हर देश की बेरोजगारी विकास पर बुरा प्रभाव डालती है भारत की बेरोजगारी एक गंभीर मुद्दा है रोजगार अवसर की कमी शिक्षा की कमी तकनिकी की कमी औद्योगिक क्षेत्र की कमी जनसँख्या बृद्धि आदि बेरोगारी के कारण कही न कही बनते है।

बेरोजगारी पर नियंत्रण पाने के लिए कई कमियों को दूर करना होगा तभी जाके बेरोजगारी पर नियंत्रण पायी जा सकती है क्योकि बेरोजगारी भारत की बहुत उचाईया छू रही है इस कारण से काफी समय भी लगने वाला है इन समस्याओं का समाधान पाने के लिए।

बेरोजगारी पर निबंध.

भारत को अंग्रेजो से आजादी मिले काफी समय हो गया है लेकिन अभी भी कई गम्भीर मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है जिनसे भारत अभी झूझ रहा है उसी में बेरोजगारी एक प्रमुख मुद्दा है जो काफी बड़ा और प्रभावित मुद्दा है बेरोजगारी खत्म करने के लिए कई कदम उठाये जा रहे है जो बेरोजगारी कम करने में असफल रहते है।

बेरोजगारी व्यक्ति से किसी भी दरिद्रता की चरम सिमा को पार करा सकती है बेरोजगारी व्यक्ति को गरीबी चोरी या किसी अन्य गलत कार्य की ओर खींचत सकती है बेरोजगारी का खात्मा करना अत्यंत आवश्यक है इससे काफी हद तक भ्रष्ट्राचार कम किया जा सकता है इन प्रकार की समस्या का रहने से किसी मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने में असमर्थ रह जाते है।

भारत में बेरोजगारी के मुख्य कारण।

बढ़ती जनसंख्या : भारत की जनसख्या में काफी तेजी से बृद्धि हो रही है बेरोजगारी को काफी हद तक बढाती है हर साल लाखो की तादाद में विश्वविद्यालय की पढाई पूरी करके डिग्री हासिल करके नौकरी के लिए भटकते है और नौकरी न प्राप्त होने पर चिंतित होकर घर बैठ जाते है जो बेरोजगारी में बृद्धि करते है।

आर्थिक विकास की धीमी गति : जब किसी देश का आर्थिक विकास धीमी गति हो या मंदा आर्थिक विकास हो तो इस कारण से रोजगार के अवसर कम हो जाते है जो देश की प्रमुख रोजगार स्त्रोत्र है।

औद्योगिक क्षेत्र की धीमी वृद्धि : किसी भी देश की आर्थिक सुधार में औद्योगिक क्षेत्र का बड़ा योगदान होता है जिसकी भारत में कमी है इस क्षेत्र से काफी बड़ी मात्रा में नए रोजगार निकलकर सामने आते है जिससे अधिक से अधिक व्यक्ति को रोजगार मिलता है और बेरोजगारी कम करने का मौका मिलता है।

शिक्षा की कमी : भारत में शिक्षा की अभी कमी है भारत की अधिकांश आबादी गांव (Rural Aria) में जीवन व्यतीत कर रही है जिसमे से अधिकतर युवा पढाई नहीं करते है शिक्षा से वंचित रह जाते है उनके सामने कई कारण होते है गरीबी से तंगी शिक्षा व्यवस्था में कमी के कारण पढाई नहीं कर पाते है।

तकनिकी की कमी : आज भारत में तकनिकी की बहुत कमी है जो रोजगार पर काफी प्रभाव डालती है कई ऐसे देश है जो तकनिकी के क्षेत्र में बहुत आगे है जैसे जापान, साउथ कोरिआ, अमेरिका, चीन, आदि देश तकनिकी के क्षेत्र में बहुत कुछ हासिल कर चुके है वही भारत में बहुत कम है जिस पर कार्य करने की आवश्यकता है।

कुटीर उद्योग की कमी : कुटीर उद्योग की दिन प्रति गिरावट देखी जा रही है जिससे काफी नवयुवक कारीगर बेरोजगार हो रहे है इन उद्योगो को छोटे व्यवसायो को बढ़ाने की आवश्यकता है इन छोटे उद्योगो में कई व्यक्तियों को रोजगार अवसर प्राप्त हो जाता है जो यहा कार्य करके अपने मूलभूत ज़रूरतों को पूरा कर सकते है।

मौसमी व्यवसाय : भारत एक कृषि प्रधान देश है जहा 70 प्रतिशत से अधिक व्यक्ति खेती करके जीवन व्यतीत करते है खेत में कई तरह के फसल उगाते है और फसल पैदा करके ज़रूरत भरका अपने पास रखते है बाकि बचा हुआ अनाज बेच देते है उससे प्राप्त पैसो से अपने ज़रुरत की चीजे खरीदते है।

विदेशी कम्पनियो की कमी : अपने देश में विदेशी कम्पनियो की कमी है इन कम्पनियो के होने पर रोजगार अवसर बढ़ते क्योकि ये विदेशी कम्पनिया अपना निवेश करती है और जिस देश में व्यापार करती है वहा से कर्मचारियों की नियुक्ति करती है इस लिए विदेशी कम्पनियो को प्रोत्साहित करना चाहिए भारत में व्यापार करने के लिए जिससे काफी गिरावट आ सकती है बेरोजगारी में।

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बेरोजगारी की परिभाषा।

बेरोजगारी उसे कहते है जब अधिक व्यक्तियो के पास कोई जॉब न हो कोई रोजगार न हो कोई कार्य न हो जिससे कुछ रूपये कमा सके उसे बेरोजगारी कहते है आप इस प्रकार से समझे जब किसी देश में व्यक्ति अधिक हो और कोई कार्य न हो और योग्यता हासिल करने के बाद भी किसी कार्य के लिए तैयार हो जाना बेरोजगारी से परिचय करवाती है।

वही बेरोजगारी में बालक, बूढ़े व्यक्ति, अपंग व्यक्तियों, को बेरोजगारी की सूचि में नहीं रखा गया है बेरोजगारी में वह व्यक्ति आते है जो शिक्षित होते हुए योग होते हुए भी किसी मजदूरी कार्य के लिए हाही भरवाती है वह बेरोजगारी के केटेगरी में आते है।

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बेरोजगारी से निपटने के उपाय।

बेरोजगारी से कैसे निपटे यह एक प्रमुख समस्या है इसे निपटना इतना आसान तो नहीं है लेकिन कुछ समय में इसका निपटारा किया जा सकता है इसके लिए प्रमुख संसाधन की आवश्यकता होगी।

पहले शिक्षा व्यवस्था को सही करने की आवश्यकता है शिक्षा के लिए सभी युवाओ को जागरूक करना है और उसके लिए उत्सुक करना है तकनिकी की ओर खास ध्यान देने की आवश्यकता है इससे रोजगार अवसर बढ़ सकते है जो बेरोजगारी को मात दे सकते है।

औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देना चाहिए ताकि नए रोजगार अवसर प्राप्त हो और युवा उसमे नौकरी प्राप्त करके अपने जीवन की मुलभुत ज़रूरत को पूरा कर सके।

जनसंख्या वृद्धि पर रोकथाम लगाने की आवश्यकता है बढ़ती जनसंख्या से बेरोजगारी का जो प्रतिशत है वह बढ़ता जा रहा है इसका उपाय करके जनसंख्या पर नियंत्रण पाने की आवश्यकता है।

विदेशी कम्पनियो को भारत में व्यापार करने के प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है जिससे नए रोजगार अवसर भारत के युवाओ को मिल सकते है इससे बेरोजगारी कम कर सकते है।

मुझे आशा है की बेरोजगारी पर निबंध आसानी से लिख सकते है यह लेख आपको पसंद आया होगा मैं उम्मीद करता हूँ इस लेख से सम्बंधित कोई प्रश्न है तो आप पूछ सकते है यह लेख लाभकारी लगा हो जानकारी प्राप्त हुयी हो तो आप इसे सोशल मीडिया पर शेयर करे ताकि और लोगो को इस जानकारी का लाभ प्राप्त हो पाये।

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