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कर्ज न चुकाने की सजा – पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा?

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कर्ज अधिकांश लोगो के ऊपर होता है। लेकिन बहुत सारे लोगो को यह मालूम नहीं होता है। की कर्ज न चुकाने की सजा क्या है, पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा, क्या लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है। इन प्रश्नो के उत्तर के लिए इस लेख को अंतिम तक पढ़े। इसमें इन्ही प्रश्नो के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

ज़रुरत पड़ने पर अधिकतर लोगो के द्वारा पर्सनल लोन, होम लोन, प्रॉपर्टी लोन, बिज़नेस लोन, व्हीकल लोन, एजुकेशन लोन, के अलावा कई अन्य प्रकार के लोन लोगो के द्वारा लिया जाता है। जो की लगभग बैंको और ऋण देने वाले संस्थानों से लोग आसानी से ले सकते है। इसके लिए कई ज़रूरी दस्तावेज भी लगाने पड़ते है।

कई लोगो के द्वारा लिए गए ऋण को चुकाने में कठिनाई आती है। क्योकि कई बार लोगो के द्वारा बैंक या एनबीएफसी संस्थान से ऋण ले लेते पर किस्तों को भरने के लिए पैसे नहीं होते है। और वह लोन चुकाने में असमर्थ हो जाते है। फिर लोगो के मन में कई तरह के प्रश्न आते रहते है। की कर्ज न चूका पाने पर क्या सजा होती है।

बैंक ऋण राशि न चूका पाने पर उधारकर्ता पर कौन सी कार्यवाई करता है। क्या कोई कानूनी करवाई होती है। और लोन न चुकाने पर कौन कौन सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन सभी सवाल पर प्रकाश डालेंगे। इसके लिए लेख को स्टेप स्टेप फॉलो करे।

कर्ज न चुकाने की सजा क्या है – Karj na chukane ki saja

लोन न चुकाने की सजा बैंक के द्वारा तय किया जायेगा। की वह कानूनी कार्यवाई करता है की नहीं लेकिन यह सब निर्भर करता है। बैंक और उधारकर्ता के व्यवहार पर की बैंक कानूनी करवाई करता है या नहीं अगर बैंक के द्वारा कानूनी करवाई की जाती है। तो कर्जदार को जेल तक भी जाना पड सकता है।

कर्जा न चुकाने पर बैंक के पास अधिकार होता है। वह कानूनी करवाई कर सकता है। कानूनी कार्यवाई होने पर उधारकर्ता को कोर्ट और पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने पड़ सकते है। यदि बैंक और उधारकर्ता चाहे तो लोन का सेटलमेंट भी कर सकते है। सेटलमेंट करने पर कानूनी कार्यवाई से उधारकर्ता बच सकता है।

लेकिन बैंक अधिकतर बार प्रयास करता है। की उधारकर्ता के द्वारा ऋण राशि को चुकाया जाये। यदि उधारकर्ता किसी कारणवश ऋण राशि को नहीं चूका पाता है तो बैंक उधारकर्ता को सेटलमेंट के लिए बोलता है। लोन सेटलमेंट उधारकर्ता और बैंक के बीच होता है। सेटलमेंट में बैंक चाहता है। की उधारकर्ता जितना भी पैसा दे सकता है। उसे लेकर सेटलमेंट कर ले। और ऐसा होता भी है दोनों पक्ष में नेगोशिएशन होता है। दोनों पक्ष के सहमति से लोन सेटलमेंट हो जाता है।

लोन सेटलमेंट होने पर उधारकर्ता कानूनी कार्यवाई से बच तो जाता है। लेकिन उसका सिविल स्कोर ख़राब हो जाता है। फिर आगे लोन लेने में उधारकर्ता को काफी कठिनाई आती है। और किसी भी प्रकार लोन बैंक और एनबीएफसी से नहीं मिलता है जब तक उधारकर्ता का सिविल स्कोर सही न हो जाये। इसलिए आपको अपने ऋण राशि का भुगतान समय पर करने का प्रयास करना चाहिए।

पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा?

बैंक और एनबीएफसी संस्थानों से लोगो के द्वारा कई अलग अलग प्रकार के लोन लिए जाते है। यदि आपने पर्सनल लोन बैंक से ले रखा है। और लोन चुकाने में कठिनाई आ रही है। या लोन की किस्ते नहीं चूका पा रहे है। तो बैंक से वन टाइम सेटलमेंट कर सकते है। अगर बैंक के पैसे वापस करने के अलावा लोन सेटलमेंट भी नहीं कर पा रहे है।

तो इस अवस्था में बैंक कानूनी कार्यवाई कर सकता है। जिसके लिए उधारकर्ता को कोर्ट और पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने पड़ सकते है। इसलिए उधारकर्ता के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई भी लोन लिया गया हो। तो उसे समय पर उधारकर्ता को भरना होगा। अगर नहीं भर पा रहा है तो बैंक से समझौता करके लोन भरने के लिए टाइम मांग सकता है।

यदि आप लोन नहीं चुकाते है। तो जेल तक भी हो सकती है। यह बैंक और उधारकर्ता के ऊपर निर्भर करता है। की मामला कितना आगे तक बढ़ सकता है। कानूनी कार्यवाई बैंक के द्वारा करने पर उधारकर्ता मुसीबत में पड़ सकता है। इसलिए लोन न चूका पा रहे हो। तो सेटलमेंट के ऑप्शन का यूज़ करना चाहिए।

पर्सनल लोन की रिकवरी

उधारकर्ता के द्वारा दो तरह से बैंक और एनबीएफसी से ऋण लिया जा सकता है। पहला सिक्योर्ड लोन और दूसरे अन-सिक्योर्ड सिक्योर्ड लोन में उधारकर्ता को गिरवी के रूप में सम्पति रखनी पड़ती है। वही अन-सिक्योर्ड लोन में आवेदक को किसी भी प्रकार की कोई सम्पति गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती है।

सिक्योर्ड लोन लेना आसान होता है। सिक्योर्ड लोन में आवेदक बैंक के पैसे किसी कारण से नहीं वापस कर पाता है। तो गिरवी के रूप में रखी सम्पति एक समय के बाद नीलामी करके रिकवरी की जा सकती है। वही अन-सिक्योर्ड लोन में किसी भी प्रकार की कोई सम्पति गिरवी नहीं रखी जाती है। इसलिए आवेदक से रिकवरी के लिए ऋण राशि वसूला जाता है। ऋण राशि न देने पर बैंक कानूनी कार्यवाई भी कर सकता है।

लोन की रिकवरी के लिए लोन एजेंट होते है। जो उधारकर्ता के द्वारा लिए ऋण को रिकवर करने का काम करते है। रिकवरी एजेंट उधारकर्ता के घर नोटिस भेजते है। साथ ही उधारकर्ता के घर जाकर भी रिकवरी करने का काम करते है। लेकिन उधारकर्ता के भी कई अधिकार होते है।

अगर नहीं चुका पा रहे हैं लोन तो न हों परेशान यहां पढ़ें अपने ये अधिकार।

रिकवरी एजेंट उधारकर्ता से किसी भी प्रकार का कोई जोर जबरदस्ती नहीं कर सकता है। गाली नहीं दे सकता है मार-पीट नहीं कर सकता है। रात में रिकवरी के लिए एजेंट उधारकर्ता के घर नहीं जा सकते है। यदि ऐसा करते है। तो उधारकर्ता कानूनी कार्यवाई कर सकता है।

समय पर लोन न चुकाने से क्या होता है?

समय पर बैंक से लिए ऋण का भुगतान न करने पर उधारकर्ता के लिए काफी मुस्किले बढ़ जाती है। इससे सिविल स्कोर ख़राब हो जाता है। सिबिल स्कोर ख़राब होने पर उधारकर्ता को आगे ऋण लेने में कठिनाई आती है। अधिकांश बैंक ऋण देने से इंकार कर देते है। इसलिए लिये गए ऋण को समय पर भुगतान करदे।

अंतिम शब्द

आशा करते है लेख में शेयर की गयी इनफार्मेशन से आपको हेल्प मिला होगा। इसमें मैंने बताया है। कि कर्ज न चुकाने की सजा क्या है, पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा, इन प्रश्नो के उत्तर इस लेख से मैंने आपको बताने का प्रयास किया है। जो आपके द्वारा खोजे जा रहे प्रश्नो के उत्तर मिले होंगे।

यदि इस लेख से आपको हेल्प मिला हो तो कमेंट सेक्शन में ज़रूर मेंशन करे। अगर इस लेख से जुड़ा आपका किसी भी प्रकार का कोई प्रश्न है। तो आप कमेंट करके पूछ सकते है। उसका उत्तर आपको अवश्य दिया जायेगा। लेख से हेल्प मिला हो तो इस लेख को शेयर भी करे।

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