बैंक और एनबीएफसी संस्थानों से कई प्रकार के लोन लिए जाते हैं। और लोन को किस्तों में चुकाया जाता है। लेकिन कई बार स्थिति खराब होने के कारण ईएमआई नहीं भर पाते हैं। इस अवस्था में देनदार लोन सेटेलमेंट के बारे में सोचते हैं। लेख में हम लोन सेटेलमेंट के बारे में ही जानेंगे। कि लोन सेटलमेंट कैसे करे, वन टाइम लोन सेटेलमेंट क्या होता है,
हम लोगों के द्वारा अधिकांश कामों के लिए बैंक से लोन लिया जाता है। चाहे वह पर्सनल लोन, होम लोन, एजुकेशन लोन, बिजनेस लोन, हो या इसके अतिरिक्त कोई लोन हो। लोन लेकर उधारकर्ता के द्वारा काम पूरा किया जा सकता है। और लोन रकम को ईएमआई के माध्यम से चुकाया जा सकता है। लेकिन कई बार लोगो के द्वारा समय पर ऋण नहीं भर पाया जाता है।
समय पर ऋण न चुकाने पर बैंक या ऋण देने वाले संस्थान उधारकर्ता को नोटिस जारी करके कानूनी कार्रवाई या संपत्ति नीलामी करके लोन की रिकवरी करने का प्रयास करता हैं। लेकिन लोन सेटेलमेंट कैसे करते हैं। इस पर हम विशेष चर्चा करेंगे। और जानकारी प्राप्त करें।
वन टाइम सेटेलमेंट से साफ जाहिर होता है। कि एक ही बार संस्था से समझौता करके ऋण राशि जमा करके लोन खाता को बंद किया जा सकता है। यह ऋणदाता और उधारकर्ता के बीच एक समझौता पर निर्भर करता है। कि वह कितने परसेंट पर वन टाइम सेटेलमेंट करना चाहता है।
लोन सेटलमेंट कैसे करे – One time settlement in hindi
लोन सेटेलमेंट देनदार तब करता है। जब वह संस्था से लिए ऋण राशि को किस्तों में वापस नहीं कर पाता है। जिसमें कई कारण हो सकते हैं। नौकरी छूट जाना बिजनेस ठप हो जाना यह किसी अन्य कारण से वह किस्तों में ऋण राशि का भुगतान नहीं कर सकता तब वह लोन सेटलमेंट का विकल्प चुन सकता है।
लोन सेटेलमेंट के लिए आवेदक को संस्था का सहारा लेना होगा। संस्था से अपना प्रॉब्लम्स बताकर लोन सेटेलमेंट की बात करनी होगी। इसके लिए आवेदक को कुछ ऐसा रीजन बताना होगा। जिसे संस्था को सुनकर लगे। सेटलमेंट कर लेना चाहिए। क्योंकि सेटलमेंट के लिए अधिकतर संस्था तैयार नहीं होते हैं।
अगर आवेदक के मानसिक खर्च और आय की बराबरी है। या मानसिक आय से किस्तों को भरने में कठिनाई आ रही है। तो बैंक से लोन सेटेलमेंट का विकल्प ले सकते हैं। इसके लिए आपको संस्था से संपर्क करना होगा। और सेटलमेंट के लिए बात करना होगा। अगर संस्था सेटेलमेंट के लिए रेडी है। तो आप लोन सेटेलमेंट कर सकते हैं.
लोन सेटेलमेंट के लिए आवेदक का अपने बचत का उपयोग कर सकता है। सेटलमेंट में आवेदक को काफी छूट भी मिल सकता है। जिसमें संस्था 80% पर सेटलमेंट या 70% पर सेटलमेंट या इससे कम पर सेटलमेंट करने के लिए तैयार हो सकता है। सेटलमेंट करके 20% से 30% परसेंट तक बचत कर सकते हैं.
लेकिन सेटलमेंट के बाद आवेदक का सिविल स्कोर खराब हो सकता है। जिससे आवेदक को आगे ऋण लेने में कठिनाई आ सकती है। यह क्रेडिट कार्ड लेने में कठिनाई आ सकती है। सेटलमेंट में आवेदक का सिविल स्कोर भी खराब होने के चांस अधिक होते हैं।
वन टाइम सेटलमेंट क्या होता है?
वन टाइम सेटेलमेंट को आप इस तरह समझ सकते हैं। उधारकर्ता के द्वारा लोन लेने के बाद उसकी स्थिति खराब हो जाने पर वह मानसिक किस्तों को समय पर नहीं भर पाता है। या किसी चिकित्सा कारण या किसी अन्य कारण से किस्तों को भरने में कठिनाई आती है। तो सेटलमेंट के लिए संस्था से संपर्क कर सकते है।
जिसमें ऋण राशि का एक मुस्क राशि देकर वन टाइम सेटलमेंट किया जा सकता है। यह ऋणदाता और उधारकर्ता के बीच समझौता पर निर्भर करता है। कि वह कितने फ़ीसदी पर लोन सेटेलमेंट करता है। लेकिन उधारकर्ता संस्था से कम से कम परसेंटेज पर लोन सेटेलमेंट करने की मांग कर सकता है।
यदि ऋणदाता और उधारकर्ता के बीच यह समझौता हो जाता है। तो वह वन टाइम सेटलमेंट कर सकता है। लेकिन वन टाइम सेटलमेंट करने से उधारकर्ता का सिविल स्कोर बिगड़ सकता है। जिससे आगे लोन लेने में काफी समस्या आ सकती है। इसलिए वन टाइम सेटेलमेंट से बचना चाहिए।
लोन न चुकाने पर क्या होता है?
बैंक दो प्रकार से लोन देता है। पहला सिक्योर्ड लोन दूसरा अनसिक्योर्ड लोन सिक्योर्ड लोन में आवेदक को लोन लेने के लिए गिरवी के रूप में संपत्ति रखनी होती है। और अनसिक्योर्ड लोन में लोन लेने के लिए कोई भी संपत्ति गिरवी के रूप में नहीं रखी जाती है। सिक्योर लोन सुरक्षित होता है अनसिक्योर्ड लोन के मुकाबले।
सिक्योर लोन आसानी से मिल जाता है। सिक्योर्ड लोन ना चुकाने पर संस्था आवेदक के द्वारा रखी गिरवी के रूप में संपत्ति को बेचकर राशि का रिकवरी करने का सोच सकता है। लेकिन उससे पहले संस्था को नोटिस देना होगा नोटिस के बाद ही संपत्ति को नीलाम किया जा सकता है।
अनसिक्योर्ड लोन में संपत्ति गिरवी के रूप में ना रखी होने की वजह से संस्था के कई रास्ते अपनाता है। लोन रिकवर करने के लिए। लेकिन संस्था हद नहीं पार कर सकता है। रिकवरी एजेंट उधारकर्ता से मारपीट नहीं कर सकते हैं। धमकी नहीं दे सकते हैं। और अभद्र व्यवहार नहीं कर सकते हैं। अनसिक्योर्ड लोन में सिविल स्कोर खराब होने के चांस अधिक होते हैं। क्योंकि अनसिक्योर्ड लोन को रिकवर करने में संस्था को काफी कठिनाई आती है।
वन टाइम सेटेलमेंट कैसे करें?
- सेटलमेंट के लिए सबसे पहले उधारकर्ता को ऋणदाता से संपर्क करके सेटलमेंट के लिए समझौता करना चाहिए।
- सेटलमेंट अधिकांश संस्था करना नहीं पसंद करते हैं। क्योंकि इसमें संस्था का नुकसान होता है। इसलिए अधिकार संस्था वन टाइम सेटलमेंट करना नहीं पसंद करते हैं।
- लेकिन वन टाइम सेटेलमेंट किया जा सकता है। इसके लिए उधारकर्ता संस्था से संपर्क करके और अपना वन टाइम सेटलमेंट करने का प्रस्ताव रख सकता है।
- संस्था के द्वारा 80% पर सेटलमेंट के लिए बोला जाएगा 70% पर बोला जाएगा 60% बोला जाएगा। लेकिन देनदार को कम से कम परसेंट पर सेटलमेंट करने की बात करनी चाहिए या उसका अधिकार होता है।
- 50% पर लोन सेटेलमेंट करके अपने बचत का उपयोग करके लोन खाता बंद कर सकते हैं। लेकिन इस अवस्था में सिविल स्कोर बिगड़ने के चांसेस काफी होते हैं।
- इसे देखते हुए वन टाइम सेटेलमेंट का विकल्प चुनना चाहिए। क्योंकि कई बार लोन लेने में काफी कठिनाई आती है सिविल स्कोर खराब होने की वजह से। इसलिए आपको पहले इस विषय पर गहन सोच के बाद विकल्प का उपयोग करना है।
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आशा करते हैं। लेख में दी गई जानकारी से आपको हेल्प मिला होगा। इस लेख के जरिए से मैंने बताया वन टाइम सेटेलमेंट और लोन सेटलमेंट कैसे करे, इस पर विस्तार से मैंने जानकारी देने का प्रयास किया है। अधिक जानकारी के लिए इस ब्लॉग पर एक से अधिक आर्टिकल पब्लिस किये गए है उसे भी आप पढ़ सकते हैं।
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अधिक जानकारी के लिए इस ब्लॉग पर क्रेडिट कार्ड से संबंधित लोन से संबंधित क्रेडिट स्कोर से संबंधित कई आर्टिकल लिखे जा चुके हैं। उसे भी आप पढ़ सकते हैं।