क्रेडिट कार्ड का सेटलमेंट कैसे करे?

क्रेडिट कार्ड वर्तमान में बहुत सारे उपयोगकर्ताओं के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कई बार क्रेडिट कार्ड के लिमिट का पैसा खर्च करने के बाद कई लोग फस जाते है। जिससे उनके मन में सेटलमेंट का ख्याल आता है। तो क्या क्रेडिट कार्ड का सेटलमेंट कर सकते है, क्रेडिट कार्ड का सेटलमेंट कैसे करे? इन्ही प्रश्नो के उत्तर लेख में देने वाला हूँ।

वैसे क्रेडिट के कार्ड उपयोगकर्ता को कई फायदे और सहूलियत मिलते है। इसके साथ कार्डधारक को कई प्रकार के ऑफर भी मिलते है। इसलिए अधिकतर लोगो के द्वारा क्रेडिट कार्ड यूज़ किया जाता है। लेकिन कई बार क्रेडिट कार्ड यूजर किसी कारणवश फस जाते है। जब वह पेमेंट डिफ़ॉल्ट करना शुरू कर देते है।

क्रेडिट कार्ड डिफाल्टर भी कई कार्ड धारक हो जाते है। जब किसी क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता के द्वारा क्रेडिट कार्ड का भुगतान न किया जा सके। तो वह डिफॉल्टर बन जाता है। तब ग्राहक को बैंक की ओर रिक्वेस्ट किया जाता है। की वह मिनियम अकाउंट का पेमेंट या सेटलमेन्ट करे।

जब ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड का बिल भुगतान नहीं कर पाते है। तो बैंको के द्वारा ग्राहक को मिनिमम बिल पैमेंट के लिए ऑफर मिलता है। लेकिन बकाया राशि हर महीने का ऐड होता जाता है साथ ही उस पर बैंक के द्वारा रेट ऑफ़ इंटरेस्ट भी लगाया जाता है। जोकि कार्डधारक के ऊपर काफी बड़ा बोझ बन जाता है। जो चुकाना आसान नहीं होता है।

क्रेडिट कार्ड का सेटलमेंट कैसे करे?

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ग्राहक के ट्रांसक्शन को देखकर बैंक के द्वारा ही सेटलमेंट का ऑफर दिया जाता है। अगर आप कई महीनो से लगातार क्रेडिट कार्ड का बिल भुगतान नहीं कर पा रहे है। और आपका भुगतान राशि काफी अधिक हो गया है। जिसे देखकर क्रेडिट कार्ड मुहैया करवाने संस्थान सेटलमेंट का ऑफर देते है।

अगर आप भी कई महीनो से लगातार क्रेडिट कार्ड का भुगतान नहीं कर पा रहे है। तो आपको सेटलमेंट का ऑफर बैंक के द्वारा मिल सकता है। सेटलमेंट ऑफर के अलावा बैंक के द्वारा ग्राहक से रिक्वेस्ट भी किया जाता है। की बैंक आकर अपना क्रेडिट कार्ड सेटलमेंट कर ले।

सेटलमेंट का ऑफर मिलने के बाद ग्राहक नेगोसिएशन करके सेटलमेंट के कर सकता है। सेटलमेंट कार्डहोल्डर काफी कम पैसो कर सकता है। क्योकि ग्राहक की स्थिति देखकर ही क्रेडिट कार्ड यूजर को सेटलमेंट का ऑफर बैंक देता है। सेटलमेंट ऑफर मिलने के बाद आप बैंक से बातचीत करके कम से पैसो में सेटलमेंट कर सकते है।

सेटेलमेंट के पश्चात् ग्राहक का क्रेडिट स्कोर ख़राब हो जायेगा। फिर ग्राहक को किसी भी बैंक और एनबीएफसी संस्थानों के द्वारा क्रेडिट कार्ड नहीं दिया जायेगा। साथ ही पर्सनल लोन, व्हीकल लोन, होम लोन, जैसे लोन भी मिलने में काफी कठिनाई आ सकती है। इसलिए सेटलमेंट करने से पहले एक बार ज़रूर इस विषय पर गहन अध्यन करे।

अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते है। तो आपको क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान समय पर करना चाहिए। जिससे आपका सिविल स्कोर ख़राब न हो। और आपको ऋण मिलने में आसानी हो।

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लोन सेटलमेंट कैसे करे?

बैंक, एनबीएफसी, या अन्य वित्तीय संस्थान, से आप किसी भी प्रकार का ऋण ले सकते है। कई प्रकार के लोन लोगो के द्वारा लिया जाता है। लेकिन ऋण लेना आसान होता है। उसे चुकाना आसान नहीं होता है। कई व्यक्तियो को ऋण लेने के बाद रीपेमेंट करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिससे वह समय पर क़िस्त चुका नहीं है।

तीन से अधिक किस्ते न चुकाने पर बैंक और ऋण देने वाले संस्थान उधारकर्ता को डिफॉल्टर घोषित कर देते है। उसके बाद बैंक की ओर से सेटलमेंट करने का ऑप्शन मिलता है। सेटलमेंट का ऑफर उधारकर्ता को तभी मिलता है जब वह एक से अधिक किस्तों को डिफ़ॉल्ट कर चूका होता है।

सेटलमेंट का ऑफर मिलने पर उधारकर्ता अपने हिसाब से बातचीत करके सेटलमेंट कर सकता है। बैंक के द्वारा मिले सेटलमेंट के ऑफर को आप देखकर अपनी बात रख सकते है। उसे कई बार बैंक मानकर सेटलमेंट के लिए तैयार हो जाता है। अगर उधारकर्ता को समझ आता है। ऑफर अच्छा लगता है। कर्ज से निजात पाना चाहता है। तो वह सेटलमेंट कर सकता है।

क्रेडिट कार्ड डिफाल्टर

अगर आप क्रेडिट कार्ड यूजर है। तो आपको क्रेडिट कार्ड डिफॉल्टर होने के बारे में जानकारी होना चाहिए। क्योकि कई बार कार्डधारक को पता नहीं होता है। तो क्रेडिट कार्ड के मिनिमम भुगतान को भी कई महीनो तक नहीं भरते है। लेकिन ऐसा करना कार्डधारक को भारी पड़ सकता है।

यदि क्रेडिट कार्ड यूजर लगातार 6 महीने तक क्रेडिट कार्ड भुगतान के साथ मिनिमम बिल भी नहीं भरता है। तो उसका कार्ड डीएक्टिवेट कर दिया जाता है। और उसे डिफॉल्टर लिस्ट में डाल दिया जाता है। जो कार्डधारक को काफी महगा पड़ता है। फिर सेटलमेंट करने की आवश्यकता पड़ती है। जिससे सिविल स्कोर पूरी तरह बिगड़ जाता है।

सिबिल स्कोर ख़राब होने पर उसे आगे लोन लेने में काफी कठिनाई आती है। तो ऐसा करना कार्ड धारक को काफी महगा पड़ सकता है। और आगे दूसरा क्रेडिट कार्ड भी लेने में कठिनाई आएगी जब तक सिविल स्कोर सही नहीं होगा। तब तक किसी प्रकार का कोई भी लोन बैंक और एनबीएफसी संस्थानों के द्वारा नहीं दिया जायेगा।

Minimum due amount in credit card in hindi.

मिनिमम डीयू अमाउंट को लेकर अधिकतर कार्ड होल्डर परेशान होते है। तो मैं आपको बता दूँ मिनिमम डीयू अमाउंट वह अमाउंट है। जिसे हर महीने जमा करना ज़रूरी होता है। वही क्रेडिट कार्ड का बिल भुगतान करना हर महीना जमा करना उतना ज़रूरी नहीं होगा। जितना ज़रूरी Minimum Due Amount होता है।

यह अमाउंट सभी कार्ड होडलर का हर महीना अलग-अलग होता है। क्योकि महीने क्रेडिट कार्ड से खर्च किये अमाउंट का 5 % अमाउंट मिनिमम डीयू अमाउंट होता है। वह हर महीने कार्डहोल्डर को जमा करना ज़रूरी होता है।

उम्मीद है लेख में जोड़ी जानकारी से आपको यह मालूम चला होगा कि क्रेडिट कार्ड का सेटलमेंट कैसे करे, मिनिमम डीयू अमाउंट क्या है, क्रेडिट कार्ड डिफॉल्टर क्या होते है, ऐसे कई प्रश्नो के उत्तर मैंने इस लेख में देने के प्रयास किये है। इस ब्लॉग पर इसके अलावा भी क्रेडिट कार्ड से जुड़े कई आर्टिकल पहले से पब्लिश किये जा चुके है। उसे भी आप पढ़ सकते है।

यदि इस लेख से हेल्प मिला हो। तो कमेंट सेक्शन में ज़रूर मेंशन करे और हाँ आपका कोई प्रश्न हो तो भी आप कमेंट में पूछ सकते है। उसका उत्तर आपको अवश्य दिया जायेगा।

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