एनपीए NPA क्या है – एनपीए का मतलब क्या होता है?

ऋण लेने वाले व्यक्ति के मन में एनपीए को लेकर डाउट बना रहता है। जो व्यक्ति बैंकिंग सेक्टर से जुड़े हुए है। वो NPA का नाम ज़रूर सुने होंगे। इसलिए इस लेख में मैं आपको एनपीए NPA क्या हैNPA in hindi. NPA Full form in hindi और एनपीए का मतलब क्या होता है. इन सभी प्रश्नो के उत्तर इस लेख में देने वाले है।

NPA नाम कई बार काफी चर्चित भी हुआ है। इसलिए एनपीए को लेकर कई लोगो के मन में इससे जुड़े कई प्रश्न होते है। अगर आपने बैंक से लोन ले रखा है। या लोन लेने के बारे में सोच रहे है। तो एनपीए के बारे जनना काफी ज़रूरी है। क्योकि एनपीए बैंकिंग सेक्टर से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विषय है।

बैंक से ऋण लेने के बाद कई बार घोटाले का मामला सामने आया है। उस समय एनपीए का नाम अक्सर काफी चर्चित होता है। जिसके बारे में लोगो जानने के लिए गूगल करते है। एनपीए को बैंको के द्वारा कई वर्गो में विभाजित किया गया है। जिसका जिक्र आगे के लेख में हम करेंगे।

नॉन परफार्मिंग एसेट्स यह बैंक का टर्म है। जिसमें बैंक को प्रॉफिट नहीं होता है। बल्कि बैंक को हानि होने चांस होते है। यह बैंक के द्वारा दिए अलग अलग ऋण पर अलग-अलग लागु होता है।

NPA क्या है – NPA in hindi

एनपीए बैंक के गैर निष्पादित संपत्ति के रूप में जाना जाता है। बैंक के द्वारा उधारकर्ता को दिए गए ऋण के रूप में रकम को जब उधारकर्ता रीपेमेंट नहीं कर पाता है। या बैंक के द्वारा दिए ऋण पर बैंक का लाभ नहीं हो पाता है। तो उस ऋण को एनपीए कहते है। इससे बैंक का हानि होता है।

बैंक के द्वारा दिए गए ऋण के रूप में वह रकम बैंक के लिए एक Assets होती है। क्योकि इस लोन रकम पर कर्जदार ब्याज सहित लोन रकम बैंक को वापस करता है। उससे बैंक की कमाई होती है। और कर्जदार के लिए वह रकम एक Liability होती है। जिसमे कर्जदार को ब्याज सहित लोन रकम वापस करना होता है।

जब कर्जदार बैंक से लिए ऋण रकम को ब्याज सहित समय पर किस्ते दर किस्ते रीपेमेंट कर देता है। तो उसे स्टैंडर्ड एसेट्स कहा जाता है। यह assets बैंक को पैसे कमा देता है। यानि इस एसेट्स से बैंक का लाभ होता है। वही कर्जदार के द्वारा 3 महीने यानि 90 दिनों तक किस्ते नहीं जमा की जाती है। तो बैंक इसे नॉन परफार्मिंग एसेट्स NPA में डाल देता है।

एनपीए को आप इस तरह समझे बैंक के कर्ज को कर्जदार समय पर नहीं जमा कर पाता है। और उस रकम से बैंक की आय बंद हो जाती है। उसे एनपीए कहते है। एनपीए में बैंक की आय नहीं होती है। बल्कि इसमें बैंक का घाटा होता है। इस रकम से बैंक की कमाई रुक जाती है। उसे बैंक एनपीए करार कर देता है।

मिलते जुलते लेख

NPA Full form in hindi

यदि आपको NPA का फुल फॉर्म नहीं पता है। तो मैं आपको बता दू NPA (Non Performing Assets) होता है। और हिंदी में गैर निष्पादित संपत्ति होता है। इस संपत्ति पर बैंक की कमाई रुक जाती है। और इस ऋण रकम पर बैंक लाभ नहीं कमा पाता है। इसलिए इस रकम को बैंक एनपीए करार देता है।

जब कर्जदार क़िस्त देने वाली दिनाक के ठीक 90 दिनों तक अपना क़िस्त जमा नहीं कर पाता है। तो उसे एनपीए कहते है। मानलीजिए आपने बैंक से 10 लाख रूपये का लोन लिया। और ब्याज सहित 3 सालो में रीपेमेंट के लिए क़िस्त बनवाई। जब तक कर्जदार अपना क़िस्त समय समय पर जमा करता रहता है। तब तक कोई परेशानी नहीं आती है। जैसे तीन माह तक कोई क़िस्त जमा नहीं की फिर उसे एनपीए करार कर दिया जाता है।

एनपीए का मतलब क्या होता है?

एनपीए बैंक के द्वारा दी गयी ऋण रकम एक ऐसी रकम होती है। जो बैंक को पैसे कमाकर नहीं देता है। बल्कि बैंक को इस रकम पर हानि का सामना करना पड़ता है। एनपीए अलग अलग ऋण पर अलग-अलग होता है। एनपीए से बैंक का लॉस होता है।

NPA बैंक का एक ऐसा रकम होता है। जो प्रॉफिट के बजाय लॉस का सामना करवाती है। इसके पीछे कई वजह हो सकती है। कर्जदार के सामने कई प्रकार की परेशानी आ जाती है। जिससे वह बैंक ईएमआई नहीं चूका पाते है। जैसे कर्जदार की नौकरी छूट जाना, बिज़नेस ठप हो जाना, आय स्रोत्र एकदम से बंद हो जाने के कारण कई कर्जदार किस्ते नहीं चूका पाते है।

एनपीए के प्रकार

NPA के 4 प्रकार होते है। जिससे एनपीए को अलग अलग वर्गो में विभाजित किया गया है। जो आप आगे लेख में पढ़ेंगे।

  • स्टैंटर्ड एसेट्स
  • सब स्टैंडर्ड एसेट्स
  • डाउटफूल एसेट्स
  • लॉस एसेट्स

स्टैंडर्ड एसेट्स : बैंक के स्टैंडर्ड एसेट्स में कोई रिस्क नहीं होता है। यह संपत्ति बैंक को नियमित रूप प्रॉफिट ही देता है।

सब स्टैंडर्ड एसेट्स : जब किसी कर्जदार का ऋण खाता 12 महीने यानि एक वर्ष या इससे कम समय तक एनपीए में रहता है। तो उसे सब स्टैंडर्ड एसेट्स करार दिया जाता है।

डाउटफूल एसेट्स : इस एसेट्स में वह खाता आते है। जिन कर्जदार के खाते 12 महीने या इससे अधिक एनपीए में रहते है। इन खातों में इस समय अवधि तक कोई प्रतिकिर्या नहीं की जाती है। तो उसे डाउटफूल एसेट्स में गिनती की जाती है।

लॉस एसेट्स : जब कर्जदार के द्वारा लिए गए ऋण को 3 वर्षो तक जमा न किया जाये। और इन ऋण खातों से कोई प्रतिकिर्या न किया जाये। और बैंक को कर्जदार से लोन चुकाने की उम्मीद ख़त्म हो जाये। तब इसे लॉस एसेट्स करार दिया जाता है।

समाप्त

इस लेख में मैंने एनपीए से जुड़े कई प्रश्नो के उत्तर लिखे है। जैसे एनपीए NPA क्या हैNPA in hindi. और NPA Full form in hindi क्या होता है। इन प्रश्नो के उत्तर मैंने इस लेख के माध्यम से मैंने दिया है। इसी तरह के बैंकिंग लोन और क्रेडिट कार्ड से जुड़े कई लेख पहले से इस ब्लॉग पर पब्लिश किये जा चुके है। जिसे आप अधिक जानकारी के लिए पढ़ सकते है।

यदि इस लेख से जुड़ा आपका कोई प्रश्न है। तो आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है। इस ब्लॉग पर ऐसे ही इन्फोर्मटिव लेख पब्लिश किये जाते है। जो आप अधिक जानकारी के लिए पढ़ सकते है। यह लेख पसंद आया हो इससे सहायता मिला हो। तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूले। ऐसे ही जानकारी के लिए ब्लॉग पर पब्लिश दूसरे लेख पढ़े।

6 thoughts on “एनपीए NPA क्या है – एनपीए का मतलब क्या होता है?”

  1. मेने credit card bill नहीं दे पाया और बैंक से सेटल मेंट करा लिया, जो अभी मेरे civil scor me दिखाई दे रहा है
    मे ये जानना चाहता हू की ये कब तक cibil मे दिखे गा, या इसको हटाने का कोई मार्ग है, तो कृपया बताएं

    Reply
  2. मैने credit card bill नही भर पाया ।बैंक का नोटिस आया । मै बैंक से emi बनवाया ।अभी हर महीने भर रहा हूं।मेरा cibil लो होगया क्या भविष्य मे मेरा cibil सुधार होगा।क्या मुझे लोन मिले गा।

    Reply
  3. Car loan Mera NPA Gaya Hai Jiski EMI 19200 thi mera Vyapar kharab hone Aur Makan sale ho gaya Karan main loan ki repayment nahin kar pa raha hun aur na hi NPA SE Nikal pa Raha Hai bank settlement ko kah rahi hai per mere pass settlement ke liye paise Nahin Hai Maine bank se bachey loan bache ki 5000 tak ki EMI karne ke liye kaha per vah bhi nahin kar rahi hai Main Kya Karun

    Reply
    • सर आप सेटलमेंट ही करे तो बेहतर होगा

      Reply

Leave a Comment