अधिकांश लोगों के द्वारा बैंक या एनबीएफसी से कार लोन लिया जाता है। लेकिन कई बार कार ओनर ऋण राशि यानी ईएमआई समय पर देने में विफल रहते हैं। इसीलिए उधारकर्ता में चिंता होती है। कि कार लोन न चुका पाने पर क्या होगा, क्या कार जप्त कर ली जाएगी या फिर लोन चुकाने का नोटिस दिया जाएगा।
कार खरीदने के लिए अधिकतर ओनर बैंक या नॉन बैंकिंग फाइनेंस संस्थानों से फाइनेंस करवाते हैं। जिसमें कार के कीमत का कुछ परसेंट डाउन पेमेंट करके शोरूम से कार निकाल सकते है। और उस कार की कीमत को किस्तों में चूका सकते है। लेकिन कई बार किस्तों को चुकाने में कठिनाई आती है। और एक से अधिक किस्ते नहीं चुका पाते हैं।
वर्तमान में आसान किस्तों में बड़ी आसानी से कार फाइनेंस करवाया जा सकता है। लेकिन कई बार नौकरी छूट जाने से, बिजनेस ठप होने जाने से, कार की किस्तें समय पर नहीं दे पाते है। इस अवस्था में कार ओनर के साथ ऋणदाता क्या करता है। इसी विषय पर विस्तार से हम लोग लेख में जानकारी प्राप्त करेंगे।
कार लोन अधिकांश ऋण देने वाली संस्थाओं से मिल जाता है। इसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेज की आवश्यकता होती है। जो आवेदक के पास होना जरूरी है। दस्तावेज के आधार पर बैंक या एनबीएफसी संस्थान व्हीकल फाइनेंस कर देते हैं। और कार की कीमत को ईएमआई के जरिए चुकाना होता है।
कार लोन न चुका पाने पर क्या होगा?
Car Loan चुकाने में कई उधारकर्ता विफल हो जाते हैं। लेकिन उधारकर्ता के पास 90 दिनों का समय होता है। अगर 90 दिनों में एमआई देने में विफल रहता है। तब ऋणदाता के द्वारा उधारकर्ता को 60 दिनों का नोटिस जारी किया जाता है। अगर उस बीच में देनदार ईएमआई देने में सफल रहता है। उधारकर्ता की कठिनाइयां कम हो सकती है।
अगर उधारकर्ता 60 दिनों की नोटिस के दौरान भी ईएमआई देने में विफल रहता है। तो उधारकर्ता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। और गिरवी के रूप में बैंक में रखी संपत्ति को नीलाम किया जा सकता है। संपत्ति नीलामी से जुड़े विवरण पहले उधारकर्ता को 30 दिवसीय नोटिस जारी की जाती है। जो सार्वजनिक होता है.
कार लोन एक तरह से सिक्योर्ड लोन होता है। जिसमें संपत्ति गिरवी के रूप में संस्था में जमा होती है। जैसे गाड़ी के कागजात चाभी और निजी दस्तावेज जिसके जरिए से ऋण संस्था गाड़ी को खींच सकता है। और उस संपत्ति को नीलाम करके ऋण राशि का रिकवर करने का कार्य करता है। लेकिन उससे पहले कार ओनर को नोटिस देना होगा नीलामी में उधारकर्ता भी शामिल हो सकता है।
संपत्ति नीलाम होने के बाद जो राशि प्राप्त होगी। उससे संस्था की ऋण राशि रिकवर करने के बाद बचे राशि को उधारकर्ता को वापस कर देगा। बैंक को उतना ही राशि लेने का अधिकार होता है। जितना ऋण राशि बचा हुआ है। शेष राशि उधारकर्ता के अकाउंट या उधारकर्ता को लौटा दिया जाएगा।
समय पर ईएमआई ना भरने पर संस्था के कर्मचारी या रिकवरी एजेंट उधारकर्ता के साथ अभद्र व्यवहार नहीं कर सकते ना ही धमका सकते हैं। उधारकर्ता से मिलकर शांति स्वभाव से ईएमआई भरने की बात की जा सकती है। ना कि उधारकर्ता से गाली-गलौज व मारपीट करके या धमका के ईएमआई भरने की बात की जा सकती है।
लोन नहीं देने पर क्या होता है?
बैंक या एनबीएफसी संस्था के द्वारा दो प्रकार के लोन दिए जाते हैं। एक सिक्योर्ड लोन, दूसरा अनसिक्योर्ड लोन, सिक्योर्ड लोन में उधारकर्ता से गिरवी के रूप में संपत्ति रखवाई जाती है। उसी संपत्ति की कीमत के अनुसार उधारकर्ता ऋण मिलता है। लेकिन अनसिक्योर्ड लोन में किसी प्रकार की कोई सिक्योरिटी संपत्ति नहीं रखवाई जाती है।
सिक्योर्ड लोन सुरक्षित होता है। सिक्योर लोन में संपत्ति को गिरवी रखा जाता है। लेकिन ऋण राशि चुकाने के बाद उस संपत्ति को उधारकर्ता वापस ले सकता है। लेकिन किसी कारणवश उधारकर्ता के द्वारा समय पर किस्तों को चुकाने में कठिनाई आती है। तब संपत्ति को नीलाम बैंक ऋण रिकवरी कर सकता है। लेकिन उससे पहले उधारकर्ता को ऋणदाता के द्वारा नोटिस देना होगा।
नोटिस देने के बाद संपत्ति को नीलाम करके बैंक ऋण राशि रिकवर कर सकता है। बिना नोटिस के बैंक या एनबीएफसी के द्वारा गिरवी के रूप में रखी संपत्ति को नीलाम नहीं कर सकते है। नीलामी होने के बाद संस्था उतना ही राशि लेगा जितना उसका बकाया है. शेष राशि को उधारकर्ता को वापस कर दिया जाएगा।
अनसिक्योर्ड लोन एक तरह से असुरक्षित लोन होता है। इसमें किसी प्रकार की कोई संपत्ति गिरवी के रूप में बैंक के पास नहीं होती है। जब उधारकर्ता संस्था से ली गई ऋण राशि को समय पर वापस नहीं कर पाता है। फिर संस्था रिकवरी के लिए कई रास्ते अपनाता है। लेकिन संस्था अपने हद में रहकर वसूली कर सकता है।
अपनी गाड़ी की किस्त कैसे चेक करें?
कई ओनर को गाड़ी की किस्तों को चेक करने में कठिनाई होती है। लेकिन गाड़ी की क़िस्त चेक करने के लिए एक से अधिक विकल्प होता है। पहला बैंक जाकर चेक कर सकते है। दूसरा मोबाइल बैंकिंग से स्टेटमेंट चेक कर सकते है। तीसरा बैंक से स्टेटमेंट निकाल कर क़िस्त चेक कर सकते है।
इस तरह से गाड़ी की किस्तों को चेक कर सकते हैं। और यह पता लगा सकते हैं। कि अभी गाड़ी की कितने किस्ते बची और कितनी जा चुकी हैं। और कौन सी किस्त कब देनी है। किस डेट में देनी है। या सारा डिटेल्स स्टेटमेंट में दिख जाएगा।
समय पर लोन ना चुकाने के नुकसान
समय पर लोन ना चुकाने के कई नुकसान हो सकते हैं। सिक्योर लोन में रखी संपत्ति को बैंक के द्वारा नीलाम करके ऋण राशि की रिकवरी की जा सकती है। लेकिन अनसिक्योर्ड लोन में संपत्ति गिरवी न रखने के कारण बैंक कई रास्ते अपनाता है। लोन की रिकवरी के लिए जिसमें कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। जिसके लिए उधारकर्ता को कोर्ट और पुलिस स्टेशन के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं।
90 दिनों तक ईएमआई न भरने पर बैंक उस खाते को एनपीए यानि नॉन परफॉर्मिंग असेट्स में डाल देता है। जिससे उधारकर्ता का सिविल स्कोर खराब होता है। और आगे लोन लेने में उधारकर्ता को कठिनाई आती है। सिबिल स्कोर खराब होने के बाद काफी समय लग जाता है। सिविल स्कोर को सुधारने में।
सिविल स्कोर खराब होने के बाद कई संस्थानों के द्वारा लोन नहीं दिया जाता है। क्रेडिट कार्ड भी नहीं दिया जाता है। इसलिए किसी प्रकार का ऋण हो समय पर भुगतान करें। ताकि सिविल स्कोर मेंटेन रहें और आगे लोन लेने में आसानी हो।
सारांश
लेख में दी गई जानकारी से आपको हेल्प मिला होगा। और आपके प्रश्नों के उत्तर मिले होंगे। इस लेख में मैंने बताया है। कि कार लोन न चुका पाने पर क्या होगा, ऐसी संबंधित जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग पर एक से अधिक आर्टिकल पहले से पब्लिक किए जा चुके हैं। उसे भी आप पढ़ सकते हैं। इस लेख से जुड़ा किसी प्रकार का कोई प्रश्न जिसका आप उत्तर जानना चाहते है। उसे कमेंट करके पूछ सकते हैं।
ऐसी ही जानकारी के लिए ब्लॉग पर आर्टिकल पहले से पब्लिश है उसे भी आप पढ़ सकते हैं। अगर इस लेख से आपको हेल्प मिला हो। तो इसको आगे भी शेयर करें ताकि और लोगों को भी हेल्प मिल सके।